अग्निवीर योजना को लेकर मनोज मुकुंद नरवणे ने किया खुलासा अग्निवीर योजना जिसकी शुरुआत ही विवाद और रुकावट से हुई है। योजना को लागू किए 2 साल होने को आ गए हैं लेकिन अभी भी विवाद खत्म नहीं हुआ है अग्निवीर योजना एक सवाल के कठघरे में खडी होअग्निवीर योजना को लेकर मनोज मुकुंद नरवणे ने किया बड़ा खुलासा
मनोज नरवणे ने अपनी पुस्तक ‘for satr of destiny ‘म अग्निवीर योजना के बड़े ख़ुलासे मनोज मुकुंद नरवणे ने अपनी पुस्तक for satrs of destiny ‘म बताया गया है कि 2020 की शुरुआत में पीएम नरेंद्र मोदी को,”Tod “योजना का प्रस्ताव भेजा था जिसके अंदर था की अधिकारियो को अल्पावधि के लिए भर्ती करना था और अधिकारीयो को भृति किया जाये.
“Tod ” के विपरीत योजना
जो प्रस्ताव मनोज नरवणे ने सरकार के पास भेजा था सरकार उसके विपरीत एक अलग ही योजना लाकर सामने रख दी केंद्र सरकार एक अलग योजना लेकर आई जिसमें सिर्फ सिपाही रैंक के जावनो को भर्ती किया जयेगा
“Tod”मैं 3 सेनाओ को सामिल किया
मनोज मुकुंद नरवणे ने अपनी पुस्तक “for satrs of destiny “मैं ख़ुलासा किया है की”। “Tod” का प्रभाव सिर्फ़ सेना के लिए भेजा गया था लेकिन सरकार ने Army के साथ वायुसेना, नौसेना में भी ये योजना लागू कर दी ये योजना आने के बाद 3 सेनाओ के साथ पूरा भारत के युवा हेरान है
अग्निवीर जवानों को 20,000 का वेतन तय हुआ था
मनोज मुकुंद नरवणे ने अपनी पुस्तक”for satrs of destiny”मुझे बताया गया है कि पहले साल अग्निवीरो को 20,000 रुपये मिलना तय हुआ था लेकिन युवाओं की सिफ़ारिश पर 20,000 से बढ़कर 30,000 कर दिया गया
25% अग्निवीर होंगे स्थायी
नरवणे ने बताया कि जितने भी अग्निवीर भारती होंगे उनके 25% स्थायी होंगे बाकी 75% को स्थायी सेवानिवृति कर दिया जाएगा भारतीय सेना ने केंद्र सरकार को भी भेजा था जिसमें अग्निवीरों को 75% स्थाई करने को लेकर सरकार को सुझाव दिया गया था
अग्निवीर योजना को लेकर सरकार का झूठे वादे
योजना लागू करने के दौरान सरकार ने साल में दो भर्ती करने का वादा किया था जो फिलहाल नजर नहीं आ रहा है 2 साल हो गए अग्नि वीर को लागू हुई अभी तक साल में एक भी एक ही भर्ती कराई जा रही है इसको लेकर युवाओं में बड़ा आक्रोश देखने को मिल रहा है
“TOD” योजना और सरकार की योजना में अंतर
मनोज नरवणे ने बताया कि आर्मी ने “TOD”योजना में अधिकारियों को भर्ती करने के लेकर अधिकारियों को शॉर्ट टाइम के लिए भर्ती करने का सुझाव था सरकार ने इसके विपरीत एक योजना लाकर खड़ी कर दी सरकार ने “TOD” योजना अधिकारियों के लिए नहीं बल्कि सैनिकों को 4 साल के लिए भर्ती करने के लिए लेकर आई
who is manoj mukund narvne
मनोज मुकुंद नरवणे, भारत के सेना के महाअध्यक्ष और सेना अध्यक्ष हैं। उनका जन्म 22 अप्रैल, 1960 में हुआ था। जनरल नरवणे ने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) से अपनी शुरूआती शिक्षा प्राप्त की और फिर भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) से कमीशन प्राप्त किया।उनकी प्रतिभा और साहस को देखते हुए उन्हें कई महत्वपूर्ण पदों पर बिठाया गया, जैसे कि उत्तरी कमान, पूर्वी कमान और दक्षिणी कमान में नेतृत्व की जिम्मेदारियां। उनकी योगदान से भारतीय सेना ने और भी सुधार किया है, और वे भारत के सबसे उच्च सेना अधिकारी बनने का गर्व महसूस करते हैं। जनरल नरवणे की नैतिकता, नैतिक मूल्यों और देशभक्ति पर उनका विशेष ध्यान केन्द्रित होता है।
FAQ
Q1. INDIAN ARMY की शुरूआत कब हुई
ANS भारतीय सेना की शुरुआत ईस्ट इंडिया कंपनी के अंग्रेजी सिपाहियों के तौर पर होती है, जो उनके व्यापार और अधिकार को सुरक्षित करने के लिए बना था। इसके बाद 1857 के भारत का गदर या सिपाही विद्रोह के दौरन, ईस्ट इंडिया कंपनी के सेना को ब्रिटिश ताज ने संभाल लिया।
इस तरह से, 1857 के बाद से भारतीय सेना का अधिकार सरकार के नियंत्रण में आया और उसने अपने रास्ते पर विकास किया। लेकिन, एक सही तारीख़ ने भारतीय राष्ट्रीय सेना (आईएनए) की स्थापना की, द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान सुभाष चंद्र बोस के नेतृत्व में थी। आज के रूप में, भारतीय सेना का मूल रूप 1947 में भारत की आजादी के समय से है, जब भारत स्वतंत्रता प्राप्त करके एक स्वतंत्र राष्ट्र बन गया।